आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर गुजरात में हैं। वह तीन दिवसीय चुनावी अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। खास बात है कि चुनावी समर शुरू होते हैं आप और केजरीवाल गुजरात में खासे सक्रिय हो गए थे। जबकि, हिमाचल प्रदेश अभी भी पार्टी के दिग्गजों की बाट जोह रहा है। हालांकि, कुछ समय पहले तक केजरीवाल पहाड़ी राज्य में काफी सक्रिय रहे, लेकिन अब उनका पूरा फोकस सिर्फ गुजरात पर नजर आ रहा है।
कहा जा रहा है कि 25 जुलाई को केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साथ में वर्चुअल रैली की थी। इसके बाद से ही वह यहां नजर नहीं आए। खास बात है कि पार्टी काफी समय पहले ही राज्य में सक्रिय हो गई थी, लेकिन बाद में रफ्तार धीमी होती गई। अप्रैल में मंडी में केजरीवाल और मान ने 'तिरंग यात्रा' की थी। इसके दो दिन बाद ही पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। आप के शिमला में पूर्व प्रवक्ता गौरव शर्मा ने बताया, 'मुझे नहीं लगता कि पार्टी को हिमाचल प्रदेश में खास दिलचस्पी है। फिलहाल, फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर गुजरात पर ही है।' उन्होंने हिमाचल प्रदेश की 'देवभूमि' में 'धोखेबाजी' के आरोप लगाकर पार्टी को अलविदा कह दिया था। शर्मा ने कहा, 'उन्होंने (आप नेताओं) टिकट बेचे, बहुत सारा रुपया जुटाया और दिल्ली वापस चले गए। उन्होंने देवभूमि को अपवित्र किया है। राज्य में जमे इनमें से अधिकांश लोग अब हमारा फोन भी नहीं उठा रहे हैं।' रिपोर्ट के अनुसार, अंदरूनी सूत्रों के मानना है कि मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में रैली और रोड शो के जरिए मिली रफ्तार को आप ने खो दिया है। कई जगहों पर केजरीवाल को होर्डिंग और पोस्टर गायब हैं।
मांगते थे 5 साल
रैलियों के दौरान केजरीवाल लोगों से आप को वोट देने की अपील करते थे। उनका कहना था, 'आपने राज्य पर शासन करने के लिए 30 साल कांग्रेस और 17 साल भाजपा को दिए, उन्होंने केवल लूट ही की। मुझे केवल पांच साल दे दीजिए।' खबर है कि आप में शामिल हुए राज्य के कई बड़े नेता या तो पुराने दलों में लौट गए हैं या पार्टी गतिविधियों से दूर हैं।