Narendra Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार यानी आज हुई केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इनमें से एक बड़ा फैसला करते हुए छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
इस बात की जानकारी जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 12 समुदायों, कर्नाटक में एक, हिमाचल प्रदेश में एक, तमिलनाडु में एक और उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया और गोंड की 5 उपजाति धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया.
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़,हिमाचल प्रदेश,कर्नाटक ,तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। pic.twitter.com/zDsXS8lLrZ
— Arjun Munda (@MundaArjun) September 14, 2022
छत्तीसगढ़ में 12 समुदाय कौन-कौन से?
छत्तीसगढ़ में जिन 12 समुदायों को अनसूचित जनजाति शामिल किया है उनके नाम इस प्रकार हैं-
भारियाभूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया, भूयां, Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार किया गया. पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार, धनुवार. गदबा गोंड के साथ गोंड़, कोंध के साथ कोड़ाकू, नगेसिया के साथ नागासिया के पर्याय के रूप में किसान. धनगढ़ का परिशोधन धांगड़. सावर, सवरा के पर्याय के रूप में सौंरा, संवरा, बिंझिया नाम दिया गया है.
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के द्रांस गिरि क्षेत्र के हट्टी समुदाय को अनसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया है. तमिलनाडु में नारिकोरवन के पर्याय के रूप में कुरुविक्करन. कर्नाटक में काड़ू कुरुबा के पर्याय के रूप में बेट्टा-कुरुबा किया गया है.