कौन थीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, जिन्होंने दुनिया को कह दिया अलविदा, जानें सबकुछ

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कौन थीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, जिन्होंने दुनिया को कह दिया अलविदा, जानें सबकुछ

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 ब्रिटेन (Britain) की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) भारत पर राज करने वाली ब्रिटेन की महारानी के तौर पर जानी जाती थीं. एक ऐसी महारानी जो मरते दम तक महारानी ही रहीं. बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) के मुताबिक डॉक्टर्स ने महारानी की सेहत पर फिक्र जताने के बाद बालमोराल (Balmoral) में उन्हें मेडिकल निगरानी में रखा गया. तब-तक प्रिंस चार्ल्स डचेस ऑफ़ कॉर्नवाल के साथ बालमोराल पहुंच चुके थे. ड्यूक ऑफ़ कैम्ब्रिज भी पहुंच चुके थे और आखिरकार शाही परिवार ने महारानी के दुनिया को अलविदा कहने का एलान कर डाला. एक दिन पहले ही की थी लिज ट्रस से मुलाकात

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) ने मंगलवार को ब्रिटेन की नई बनी पीएम लिज ट्रस से मुलाकात की थी. इसके बाद उनकी सेहत को लेकर फिक्र थोड़ी कम हो गई थी. वह पीएम लिज से हाथ मिलाते दिखी थीं और महारानी मुस्कुरा रही थीं. सीनियर मिनिस्टर की बुधवार की प्रिवी काउंसिल की वर्चुअल मीटिंग से आखिरी लम्हों में उनकी गैर मौजूदगी उनकी सेहत के बारे में बगैर कहे बहुत कुछ कह चुकी थी.

एक चुलबुली छोटी लड़की जो बनी महारानी

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय 21 अप्रैल 1926 को पैदा हुई थीं. तब उनके दादा दादा जॉर्ज़ पंचम के शासन हुआ करता था. उनके पिता एल्बर्ट, जो बाद में जार्ज छठे के तौर पर जाने गए, वह जार्ज पंचम के दूसरे बेटे थे. उनकी मां एलिज़ाबेथ, यॉर्क की डचेज़ थी. यही बाद में एलिजाबेथ के नाम से जानी गई. तभी महारानी को  एलिज़ाबेथ द्वितीय के तौर पर जाना गया.

उनकी बहन राजकुमारी मार्गरेट और उन्हें घर पर ही मां और एक टीचर ने पढ़ाया. साल 1950 में उनकी नैनी क्राफोर्ड (Crawford) ने एलिज़ाबेथ और उनकी बहन पर द लिटिल प्रिन्सेज़ेज़ (The Little Princesses) नाम की बायोग्राफी लिखी थी. इसी में उन्होंने महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बारे में बताया गया कि उन्हें घोड़ों व पालतू कुत्तों से बेहद लगाव रहा. वह बेहद अनुशासन प्रिय होने के साथ ही जिम्मेदार स्वभाव वाली थीं. इसी में उनकी चचेरी बहन मार्गरेट र्होड्स उन्हें एक चुलबुली छोटी लड़की, लेकिन बेहद संवेदनशील व सभ्य बताती हैं. 


25 साल में बन गई थीं महारानी

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फ़िलिप यानी ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा की शादी 20 नवंबर 1947 में हुई थी. एलिज़ाबेथ के पति फ़िलिप उनके दूर के रिश्तेदार थे. एलिज़ाबेथ को 13 साल में ही उनसे इश्क हो गया था. इस शाही जोड़े की एक झलक के लिए बकिंघम पैलेस के बाहर लोगों का सैलाब उमड़ा था. इस शाही जोड़े की शादी के वक्त भारत अपनी आजादी के जश्न मनाने की तैयारी में जुटा था. इस जोड़े के पहले बच्चे प्रिंस चार्ल्स 1948 में पैदा हुए. इसके बाद 1950 में बकिंघम पैलेस में राजकुमारी ऐनी का जन्म हुआ.

जब ये जोड़ा शादी के करीब पांच साल बाद 1952 में केन्या के दौरे पर था, उनके इसी दौरे के दौरान 6 फरवरी 1952 को बीमार चल रहे किंग जार्ज छठे की मौत हो गई और इस दिन सब बदल गया. उस वक्त राजकुमारी  एलिजाबेथ की महज 25 साल की थीं वो दौरे से एक महारानी के तौर पर लौंटी. 2 जून 1953 को  वेस्टमिंस्टर एबी में उनका राज्याभिषेक किया गया. तब से अब -तक वह ब्रिटेन के 14 प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुकी थीं, हालांकि 15वीं पीएम लिज ट्रस के साथ काम करने से पहले ही वह दुनिया से रूखस्ती कर गईं. तीन महीने पहले ही महारानी के  राज  के 70 साल पूरे होने पर ब्रिटेन प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेट की. इसमें लाखों लोग शामिल हुए और टीवी पर इसे दुनियाभर के लोगों ने देखा. 

दो जन्मदिन थीं मनाती

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी (Coronation) को जून 2022 में 69 साल हो गए. महारानी ने 2 जून, 1953 को ब्रिटेन की गद्दी संभाली थी. इस ताजपोशी के साथ ही वह ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित कॉमनवेल्थ देशों शासक बन गई. इसके साथ एक खास बात और हुई और उन्हें दो जन्मदिन मनाने का हक भी मिला. उनका असली जन्मदिन 21 अप्रैल को होता है, लेकिन ताजपोशी के बाद दूसरा जन्मदिन आधिकारिक जन्मदिन होने से खास माना जाता है.17 जून के जन्मदिन में सालाना परेड होती है और पूरे ब्रिटेन के लोग होते हैं. अप्रैल 2022 में ही उन्होंने अपना 96 जन्मदिन मनाया था.

घाना के दौरे से बढ़ा दुनिया में कद

दूसरे विश्व युद्ध में जीत हासिल करने के बाद भी ब्रिटेन कमजोर पड़ गया था. इसका नतीजा ये हुआ कि दुनिया के जिन देशों में ब्रिटेन ने उपनिवेश बनाए थे. वह वहां से हटना शुरू हो गया. साल 1961 में एक ऐसा वक्त था जिसने महारानी के तौर पर उनके कद को दुनिया की नजरों में ऊंचा कर दिया. जब महज 25 साल की एक महारानी ने घाना का दौरा किया. तब 1957 में आजाद हुआ ये देश भयंकर हिंसा के दौर से गुजर रहा था. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दौरे से केवल 5 दिन पहले यहां बम हमला हुआ था. यहां के शासक ने एक युवा महारानी के संग मिलकर काम करने पर हामी भरी और इसने कॉमनवेल्थ देशों पर गहरा असर डाला. गौरतलब है कि इस युवा महारानी को अड़ियल रवैये वाले विंस्टन चर्चिल ने अपनी सरपरस्ती में लिया.

मुश्किलों में भी डटी रहने वाली जिंदगी की महारानी

अपने शासन काल में वह बड़ी-बड़ी मुश्किलों से भी नहीं घबराईं. पीएम मॉर्गेट थेचर से उनकी कई मामलों पर नहीं बनी, लेकिन तब भी उन्होंने सत्ता चलाई. जब साल 1966 में साउथ वेल्स एबरफन कोल माइन में लैंडस्लाइड हुआ. इसमे 100 से ज्यादा बच्चे मौत के मुंह में समा गए. तब उन्होंने वहां का दौरा टाला, लेकिन उन्हें इसके लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. वह इस हादसे के कुछ दिनों बाद वहां पहुंची. बहन राजकुमारी मॉर्गेट के तलाकशुदा से शादी करने पर उन्होंने लगभग एक साल तक इस फैसले को टाल रखा था.

शायद ब्रिटेन के शाही परिवार में प्रिंस चार्ल्स और डायना की शादी और फिर डायना की मौत के बाद उन्हें केवल ब्रिटेन में ही नहीं दुनिया की आलोचनाओं को सहना पड़ा. डायना की मौत का इल्जाम भी शाही कुनबे पर आया, लेकिन महारानी ने हार न मानते हुए सार्वजनित तौर पर अपने गम को जाहिर किया. प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल ने जब रॉयल ड्यूटी छोड़ने का फैसला किया तो बगैर किसी देरी के महारानी ने उनसे ये  रॉयल ड्यूटी वापस लेने के साथ सारे 'रॉयल हाइनेस जैसे पद भी वापस ले लिए.

जब अलविदा कह गए थे जीवन साथी

महारानी एलिजाबेथ II और प्रिंस फिलिप की शादी को 73 साल पूरे हुए और इसी के साथ उनके प्रिंस फिलिप उन्हें हमेशा के लिए अलविदा कह गए. 99 साल के प्रिंस फिलिप की 9 अप्रैल 2021 को उनकी मौत हो गई. उस दौरान ये शाही जोड़ी कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान लंदन के विंडसर कैसल रह रहा था.

जब महारानी ने कहा मेरा जीवन आपकी सेवा में

राजकुमारी एलिजाबेथ के तौर उन्होंने अपने 21 वें जन्मदिन पर देश को पहली बार संबोधित किया था. उनकी ये स्पीच कैप टॉउन (Cape Town) से  रेडियो पर ब्रॉडकास्ट हुई थी. तब उन्होंने कहा, “मैं इसका एलान करती हूं कि मेरा जीवन छोटा हो या लंबा हमेशा आपकी सेवा के लिए ही लगा रहेगा.”

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