दुनिया में दूसरे/ तीसरे नंबर के सबसे बड़े अमीर होने की मीडिया में खबर छोड़ने वाले अडानी ग्रुप पर भारत सार्वजनिक क्षेत्र और सूचीबद्ध व्यापारिक बैंको का कर्जा रु 2,60,000 करोड़ का हो चुका है !
यदि अडानी ग्रुप ने हाथ खड़े कर कंपनी एक्ट तहत बाकायदा दिवालिया घोषित करने के दावे दाखिल कर दिए तो देश के 34 करोड़ किसान परिवारों पर जितना बैंको का कर्जा बाकी है, उससे तिगुना कर्जा एक ही झटके में डूब सकता है !
अडानी ग्रुप पर विगत 1 साल में रु. 1,60,000 करोड़ रुपए का कर्जा बढ़ा है !
मामला बहुत संगीन है .....!
आखिर क्या वजह है की भारत की लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी बैंक अडानी ग्रुप पर कर्जा बाटने में अपनी धन्यता प्रगट कर रही है ?
यही स्पीड रही तो May 2024 लोकसभा चुनावों तक अडानी ग्रुप पर भारत की बैंको का रु. 4,00,000 करोड़ का कर्जा केवल एक ही ग्रुप के पास होंगा, जो कभी भी बा इज्जत और बाकायदा दिवालिया घोषित करने का आधिकारिक दावा पेश कर देश की अर्थ व्यवस्था को चुना लगा सकता है और दिवालिया घोषित करने वाली पार्टी का कुछ बाल बांका नहीं हो सकता !
भारत में कम्पनी कानून, 2013 की तहत इंसोलेवेंसी एंड बैंकरपसी कोड, 2016 से एक ऐसा शस्त्र बड़े उद्योग पति के हाथ लग चुका है, जिसके कारण अब तक विगत ६ साल में देश की बैंको का रु. 12,50,000 करोड़ का दिवाला निकल गया है और यह उद्योगपति खुले आम शान से कानून का सहारा लेकर खुश है , उनका कोई बाल बांका उखाड़ नही सकता !