MP: PFI को लेकर बड़ा खुलासा, दूसरे राज्यों से आकर मध्य प्रदेश में कर रहे थे लोगों को जोड़ने का काम pfi

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MP: PFI को लेकर बड़ा खुलासा, दूसरे राज्यों से आकर मध्य प्रदेश में कर रहे थे लोगों को जोड़ने का काम pfi

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 पीएफआई (PFI) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आकर मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे थे. प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे. पीएफआई के सदस्य प्रदेशभर में जगह-जगह मीटिंग कर आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे.


4 सदस्यों को किया गया था गिरफ्तार


एनआईए और एमपी एटीएस ने इंदौर और उज्जैन से पीएफआई के 4 सदस्यों को गिरफ्तार था. भोपाल एटीएस थाने में आरोपियों पर आईपीसी 121ए, 153ए, 120बी, धारा 13[1बी], 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई. आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए थे.


कौन-कौन गिरफ्त में हैं?



सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों का मकसद देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना था. सभी आरोपियों के खिलाफ पहले भी इंदौर और उज्जैन में अपराध दर्ज हो चुके हैं. अब्दुल करीम बेकरी वाला निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है, अब्दुल खालिद निवासी इंदौर पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है, मोहम्मद जावेद निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है, जमील शेख निवासी उज्जैन पीएफआई का प्रदेश सचिव है.


22 सितंबर को PFI के ठिकानों पर की थी रेड


गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी काउंटर टेररिस्ट एजेंसी एनआईए (NIA) ने 22 सितंबर की आधी रात अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. एजेंसी के टारगेट पर थी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI. यह रेड देश के तमाम राज्यों में मारी गई. एनआईए (NIA) को इस एंटी टेरर सर्च ऑपरेशन में भारी कैश, डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्स और तेजधार हथियार बरामद हुए हैं. साथ ही इसमें 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कई नेता और पीएफआई सदस्य शामिल थे. 


NIA की रडार पर क्यों है PFI 


टेरर फंडिंग, टेरर कैंप और टेरर आउटफिट से लोगों को जोड़ने के लिए उकसाना यही वो तीन कारण हैं, जिनकी वजह से पीएफआई पर एक्शन लिया गया. CAA-NRC विवाद हो, गजवा ए हिंद का एजेंडा हो या फिर हिंदू विरोधी कैंपेन हो. पीएफआई का नाम हर उस जगह आया है, जहां देश का अमन चैन बिगड़ा है. यही कारण है कि गृह मंत्रालय भी इस पूरे सर्च ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए है.

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