ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में 8 सितंबर 2022 को निधन हो गया. वह पिछले कुछ वक्त से बीमार चल रही थीं और स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल स्थित आवास में रह रही थीं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को स्कॉटलैंड के बालमोरल क़िले से लंदन लाया जाएगा, जहां वेस्टमिन्स्टर एबे में चार दिनों तक उनके पार्थिव शव को रखा जाएगा. इस दौरान लोग उनके दर्शन कर सकेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को किया जाएगा.
मधुमक्खियों को दी गई खबर
महारानी की मौत के बाद उनके सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स III ब्रिटेन के नए सम्राट बनाए गए हैं. शनिवार को सेंट जेम्स पैलेस में समारोह आयोजित कर किंग चार्ल्स III की ताजपोशी की गई. ये सारी खबर बकिंघम पैलेस की मधुमक्खियों को दी गई. खासकर रानी मधुमक्खी को ये खबर सुनाई गई कि महारानी एलिजाबेथ II की मौत हो चुकी है और अब प्रिंस चार्ल्स नए राजा बने हैं.
ब्रिटेन में कई शाही प्रोटोकॉल हैं
महारानी एलिजाबेथ II की मौत के बाद ब्रिटेन में कई शाही प्रोटोकॉल लागू हैं, जो एक सम्राट या रानी की मृत्यु के बाद लगाए जाते हैं. इनमें से एक दिलचस्प परंपरा यह है कि शाही मधुमक्खी पालक (Royal Beekeeper) मधुमक्खियों को महारानी की मौत के बारे में सूचित करता है. डेली मेल की रिपोर्ट्स के मुताबिक बकिंघम पैलेस में मधुमक्खी पालक ने मधुमक्खी के छत्ते को रानी की मौत से अवगत करा दिया है. महारानी एलिजाबेथ II द्वितीय की मृत्यु और किंग चार्ल्स III के राज्याभिषेक के बारे में बताया गया.
अनोखी है राजमहल की परंपरा
जॉन चैपल बकिंघम पैलेस और क्लेरेंस हाउस में आधिकारिक शाही मधुमक्खी पालक के रूप में कार्य करते हैं. 79 वर्षीय मधुमक्खीपालक ने बताया कि उन्होंने रानी की मृत्यु के एक दिन बाद शुक्रवार, 9 सितंबर को मधुमक्खियों को सत्ता परिवर्तन के बारे में बता दिया है. चैपल ने शनिवार, 10 सितंबर को प्रकाशित एक साक्षात्कार में डेली मेल को बताया, " यह पारंपरिक है कि जब शाही खानदान में किसी की मौत होती है तो आप मधुमक्खियों के छत्ते के पास जाते हैं और थोड़ी देर प्रार्थना करते हैं और छत्ते पर एक काला रिबन लगाते हैं."
चैपल ने हर छत्ते के चारों ओर एक काला रिबन और धनुष बांधा है, दो क्लेरेंस हाउस में और पांच बकिंघम पैलेस में. प्रत्येक छत्ते में अनुमानित 20,000 मधुमक्खियां होती हैं. उन्होंने बताया कि, "परंपरा यह है कि आप छत्ते पर धीरे से टैप करते हैं और कहते हैं कि आपकी मालकिन या मालिक की मौत हो गई है, लेकिन आपका नया मालिक आपके लिए अच्छा होगा, इसलिए उसके साथ अच्छा व्यवहार करें."
मधुमक्खियों को बताई जाती है हर बात
चैपल ने बताया कि ये परंपरा सदियों पहले की है और "इसे मधुमक्खियों को बताएं" कहा जाता है. मधुमक्खियां रखने वालों का मानना था कि शाही भवन के कीड़ों को भी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया जाना चाहिए, जैसे कि किसी का जन्म, मृत्यु, विवाह या घर के किसी भी आने वाले या बाहर जाने वाले सदस्यों के बारे में. अन्यथा मधुमक्खियां व्यथित हो जाएंगी और अपना छत्ता छोड़ देंगी या शहद का उत्पादन बंद कर देंगी. परिवार में रानी से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है, है ना?"
चैपल ने बताया कि सभी छत्ते पर दस्तक देकर मधुमक्खियों को धीरे से कहा गया कि अब से राजा चार्ल्स आपके स्वामी हैं और अब आपकी मालकिन नहीं रही, लेकिन तुम मत जाओ. आपका स्वामी आपके लिए एक अच्छा स्वामी साबित होगा,''