राजधानी दिल्ली की हवा गंभीर स्तर को पार करके आज खतरनाक लेवल पर पहुंच गई। सुबह 8 बजे दिल्ली में AQI 546 दर्ज किया गया और विजिबिलिटी भी काफी लो रही। हवा की लगातार खराब होती क्वालिटी को देखकर लग रहा है कि दिल्लीवालों के लिए नवंबर मुश्किल रहने वाला है और आने वाले दिन प्रदूषण को लेकर चुनौती भरे होंगे। प्रदूषण को रोकने के सारे प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं और आज हवा की क्वालिटी 'खतरनाक' लेवल पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक आज सुबह 10 बजे दिल्ली में औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 374 रेकॉर्ड हुआ, जो 'गंभीर' श्रेणी की हवा है। नैशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार सुबह 10 बजे दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर एक्यूआई 400 के ऊपर दर्ज किया गया है जो खतरनाक लेवल पर है।सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को राजधानी का एक्यूआई 376 रहा। बहादुरगढ़ में यह 329, बल्लभगढ़ में 310, फरीदाबाद में 346, गाजियाबाद में 332, ग्रेटर नोएडा में 336, गुरुग्राम में 310 और नोएडा में 339 रहा। राजधानी में कुछ जगहों पर प्रदूषण बुधवार को भी गंभीर स्तर पर बना रहा। इनमें नेहरू नगर का एक्यूआई 406, पटपड़गंज का एक्यूआई 408, अशोक विहार का एक्यूआई 406, सोनिया विहार का एक्यूआई 417, जहांगीरपुरी का 422, विवेक विहार का 405, नरेला का 406, वजीरपुर का 418, बवाना का 431 और आनंद विहार का 422 रहा। आईआईटीएम पुणे के अनुसार 5 नवंबर को प्रदूषण बेहद खराब हो जाएगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक यह खराब से बेहद खराब स्तर पर रहेगा। सफर के अनुसार हवाएं राजधानी का साथ नहीं दे रही हैं। इसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बेहद खराब बना हुआ है।
सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को राजधानी का एक्यूआई 376 रहा। बहादुरगढ़ में यह 329, बल्लभगढ़ में 310, फरीदाबाद में 346, गाजियाबाद में 332, ग्रेटर नोएडा में 336, गुरुग्राम में 310 और नोएडा में 339 रहा। राजधानी में कुछ जगहों पर प्रदूषण बुधवार को भी गंभीर स्तर पर बना रहा। इनमें नेहरू नगर का एक्यूआई 406, पटपड़गंज का एक्यूआई 408, अशोक विहार का एक्यूआई 406, सोनिया विहार का एक्यूआई 417, जहांगीरपुरी का 422, विवेक विहार का 405, नरेला का 406, वजीरपुर का 418, बवाना का 431 और आनंद विहार का 422 रहा। आईआईटीएम पुणे के अनुसार 5 नवंबर को प्रदूषण बेहद खराब हो जाएगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक यह खराब से बेहद खराब स्तर पर रहेगा। सफर के अनुसार हवाएं राजधानी का साथ नहीं दे रही हैं। इसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बेहद खराब बना हुआ है।दिवाली वाले हफ्ते में राजधानी को गाड़ियों के धुंए ने सबसे अधिक प्रदूषित किया है। 21 से 26 अक्टूबर के दौरान स्थानीय प्रदूषण की वजह में गाड़ियों की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत तक रही। सिर्फ गाड़ियों ने राजधानी को 17 प्रतिशत तक प्रदूषित किया। दिवाली वाले हफ्ते में प्रदूषण को लेकर यह विश्लेषण सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली वाले हफ्ते में ट्रैफिक इस कदर बढ़ा कि दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक पीक आवर जैसा जाम बना रहा। दिवाली से पहले वाले दिनों में दिल्ली की कुछ सड़कों पर औसत स्पीड जहां 27 किलोमीटर प्रति घंटे रही तो दिवाली वाले हफ्ते पर सिमटकर 17 किलोमीटर प्रति घंटे तक सिमट गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.4 करोड़ गाड़ियों वाले इस शहर में रोज 276 लाख ट्रिप हो रहे हैं और इसका कोई हल नहीं निकल रहा है।