बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुजरात विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी को चुनौती देते हुए दिखेंगे या नहीं, इस पर एक बार फिर सस्पेंस बन गया है। जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) और भारतीय ट्राईबल पार्टी (बीटीपी) में गठबंधन के ऐलान के 24 घंटे के भीतर ही इसके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। बीटीपी के संस्थापक छोटूभाई वसावा ने सोमवार को नीतीश कुमार की पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया तो आज उनके बेटे महेश वसावा ने यह कहते हुए अटकलों को जन्म दे दिया कि उन्हें इस गठबंधन के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने यह कहकर भी पिता के फैसले पर सवाल उठा दिए कि उनकी पार्टी में लोकतंत्र और सबकी सहमति से ही कोई फैसला हो सकता है। हालांकि, छोटूभाई वसावा अपनी बात पर अब भी अडिग है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बाप-बेटे के बीच नीतीश के नाम पर सहमति बन पाती है या नहीं और यदि ऐसा नहीं होता है तो जेडीयू क्या अकेले लड़ने का ऐलान करेगी?
दरअसल, जेडीयू और बीटीपी के बीच गठबंधन का ऐलान दोनों ही दलों की ओर से मीडिया के सामने किया जा चुका है। खुद बीटीपी संस्थापक छोटूभाई वसावा ने नीतीश कुमार की पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया। इस बीच, उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा ने कहा है कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है। बातचीत में उन्होंने जेडीयू से गठबंधन को लेकर सवाल पर कहा कि वह कुछ नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, ''आप किस बारे में बात कर रहे हैं, मुझे नहीं पता क्या कहा गया है। मैं दो दिन के लिए बाहर था, मुझे नहीं पता क्या तथ्य है। बीटीपी में लोकतंत्र है।'' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड इस तरह के फैसले करता है।
छोटूभाई वसावा अपनी बात पर अडिग, मतभेद से इनकार
हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से गठबंधन को लेकर अनभिज्ञता जाहिर किए जाने के बावजूद छोटूभाई वसावा अपनी बात पर अडिग हैं। महेश वसावा की ओर इनकार किए जाने के तुरंत बाद इसी चैनल से बातचीत में छोटूभाई ने कहा कि वह (महेश वसावा) बाहर गए हुए थे, इसलिए उन्हें जानकारी नहीं है। छोटूभाई ने इस बात से भी इनकार किया कि उनके और उनके बेटे के बीच किसी तरह का मतभेद है। उन्होंने कहा कि वह महेश से बात करेंगे।