पीएम मोदी मोढेरा को सोलर विलेज घोषित करेंगे

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पीएम मोदी मोढेरा को सोलर विलेज घोषित करेंगे

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सूर्य मंदिर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध गुजरात का मोढेरा अब देश का पहला चौबीसों घंटे और सातों दिन सौर ऊर्जा से संचालित गांव बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के दौरे पर 9 अक्टूबर के दिन मोढेरा को सौर ऊर्जा संचालित गांव घोषित करेंगे। भारत सरकार और गुजरात सरकार ने मेहसाणा के सुजानपुरा में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के साथ एकीकृत सौर ऊर्जा परियोजना जो कि सूर्य मंदिर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके माध्यम से मोढेरा को चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा आधारित बिजली प्रदान करने के लिए 'सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन' पहल की शुरुआत की। गुजरात सरकार ने इस परियोजना के विकास के लिए 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। इस परियोजना के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार के द्वारा दो चरणों में 50:50 के आधार पर संयुक्त रूप से 80.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। फेज़-I में 69 करोड़ और फेज़- II में 11.66 करोड़ रुपये का खर्च आया है।


सौर ऊर्जा से बिजली की सुविधा प्राप्त करने वाले मोढेरा के सभी 1300 घरों में से प्रत्येक घर में एक किलोवॉट की क्षमता वाले सोलर रूफटॉप सिस्टम को स्थापित किया गया है। इन सौर पैनलों के माध्यम से दिन के समय बिजली की आपूर्ति की जाती है और शाम को BESS यानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स के जरिए घरों में बिजली की आपूर्ति होती है। विश्व प्रसिद्ध मोढ़ेरा सूर्य मंदिर में सौर ऊर्जा से संचालित 3-डी प्रोजेक्शन पर्यटकों को मोढेरा के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा। यह थ्री डी प्रोजेक्शन हर शाम सात बजे से साढ़े सात बजे तक संचालित किया जाएगा। इसके अलावा, मंदिर के सौंदर्यीकरण के रूप में इसके परिसर में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हेरिटेज लाइटिंग भी लगाई गई हैं। दर्शक रोज़ाना शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक इस आकर्षक लाइटिंग का आनंद ले सकते हैं। मोढेरा गांव की सरपंच जतनबेन डी ठाकोर बताती हैं कि केन्द्र-राज्य की इस परियोजना से हम ग्रामीण जन बहुत ही ख़ुश हैं। पहले हमारे यहाँ बिजली बिल लगभग 1 हजार रुपये के आसपास आता था लेकिन अब यह लगभग शून्य हो गया है। गुजरात की इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि गुजरात ने एक बार फिर से स्वच्छ व हरित ऊर्जा पैदा करने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 2030 तक अक्षय ऊर्जा के माध्यम से भारत की 50 फीसदी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

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