क्या है डिजिटल बैंकिंग यूनिट, कैसे करेंगी ये काम और इससे आपको क्या होगा फायदा?

Visit our New Website (અહીં નવી વેબસાઇટ જુઓ / नयी वेबसाइट यहाँ देखें)...



.... ... .. .
Visit our New Website (અહીં નવી વેબસાઇટ જુઓ / नयी वेबसाइट यहाँ देखें) CLICK HERE!

.... ... .. .

क्या है डिजिटल बैंकिंग यूनिट, कैसे करेंगी ये काम और इससे आपको क्या होगा फायदा?

0



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते हफ्ते रविवार (16 अक्टूबर) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2022-23 के केंद्रीय बजट में किए गए एलान को अमलीजामा पहनाया है. पीएम ने इसे आगे बढ़ाते हुए 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां- डीबीयू (Digital Banking Units) राष्ट्र को समर्पित कीं. पीएम मोदी ने कहा, "ये डीबीयू वित्तीय काम को आसान करेंगी और देश के लोगों के बैंकिंग के कामों में सुधार लाएंगी." पीएम ने इन्हें कम से कम डिजिटल बुनियादी ढांचे में अधिकतम सुविधाएं देने वाली यूनिटों के तौर पर परिभाषित किया है. क्या था शुरुआती एलान साल 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हाल के वर्षों में, देश में डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक से जुड़ी नई चीजों में तेजी से बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग का फायदा देश के कोने-कोने में उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहिए. वित्तीय कार्यों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को फिनटेक कहा जा सकता है. दूसरे शब्दों में यह पारंपरिक वित्तीय सेवाओं और विभिन्न कंपनियों और व्यापार में वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल है. इस एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए और देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर वाणिज्यिक बैंकों (Scheduled Commercial Banks) के देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) बनाने का प्रस्ताव है.गौरतलब है कि अनुसूचित बैंक वो बैंक हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की अनुसूची II के तहत सूचीबद्ध हैं. क्या हैं ये डीबीयू? इस साल अप्रैल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय बैंक संघ (Indian Banks Association- IBA) के एक कार्यकारी समूह की रिपोर्ट के बाद डीबीयू (DBU) के लिए दिशानिर्देशों जारी किए थे. डिजिटल बैंकिंग यूनिट से मतलब एक खास कारोबार यूनिट या हब है. जहां न्यूनतम डिजिटल बुनियादी सुविधाएं हों. जो डिजिटल बैंकिंग उत्पाद और सेवाएं देने के साथ-साथ मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के लिए किसी भी वक्त खुद डिजिटल तौर पर काम करने में सक्षम हो. बैंक के अपने ग्राहकों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाएं जैसे गिरवी, ऋण, बीमा को बैंकिंग उत्पाद कहा जाता है. डीबीयू लोगों को डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं देंगे जैसे कि बचत खाते खोलना, बैलेंस-चेक, पासबुक प्रिंट करना, फंड ट्रांसफर, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश, ऋण आवेदन, स्टॉप-पेमेंट जारी किए गए चेक, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए आवेदन, कर और बिल भुगतान और नामांकन के निर्देश. इससे ग्राहकों को पूरे वर्ष बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं का किफायती सुविधाजनक पहुंच और बेहतर डिजिटल अनुभव देने में मदद मिलेगी. कौन लगाएगा डीबीयू क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, भुगतान बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को डीबीयू खोलने की इजाजत है. इनके अलावा डिजिटल बैंकिंग अनुभव वाले वाणिज्यिक बैंकों को टियर 1 से टियर 6 केंद्रों में डीबीयू खोलने की इजाजत दी गई है. इन डीबीयू को खोलने के लिए आरबीआई से मंजूरी लेने की की भी जरूरत नहीं है. बशर्ते कि वे किसी खास वजह से प्रतिबंधित न किए गए हों. डीबीयू की स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि डिजिटल बैंकिंग देश के कोने-कोने तक पहुंचे. सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक और एक लघु वित्त बैंक इसमें शामिल हैं.कैसी सुविधाएं देंगी ये यूनिटें आरबीआई के मुताबिक हर डीबीयू को कुछ न्यूनतम डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करनी चाहिए. ऐसे उत्पाद डिजिटल बैंकिंग सेगमेंट की बैलेंस शीट की देनदारियों और संपत्ति दोनों पक्षों पर होने चाहिए. पारंपरिक उत्पादों के लिए डिजिटल तौर पर मूल्य वर्धित सेवाएं भी इसमें शामिल होंगी. इस तरह की सेवाएं से ग्राहकों को विदेशी मुद्रा जोखिम को कम करने, फंड ट्रांसफर करने, करों का भुगतान करने, और बहुत कुछ करने में सुविधा होती है. ऐसी सेवाओं में विभिन्न योजनाओं के तहत आने वाले बचत बैंक खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा खाते, ग्राहकों के लिए डिजिटल किट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मास ट्रांजिट सिस्टम कार्ड, व्यापारियों के लिए डिजिटल किट, यूपीआई क्यूआर कोड भीम आधार और पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) शामिल हैं. डीबीयू की अन्य सेवाओं में पहचाने गए खुदरा एमएसएमई या योजनाबद्ध ऋणों के लिए ग्राहकों के लिए आवेदन करना भी शामिल है. इसमें ऐसे ऋणों के लिए पूरी तरह से डिजिटल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें ऑनलाइन आवेदन से लेकर वितरण तक और राष्ट्रीय पोर्टल के तहत आने वाली सरकार की प्रायोजित योजनाओं की पहचान करना भी शामिल हो सकता है. डीबीयू में आप किस तरह से लेन-देन कर सकते हैं? आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी दोनों ने डीबीयू बनाने का एलान किया है. आईसीआईसीआई बैंक डीबीयू की 2 खास विशेषताएं होंगी. इनमें एक स्वयं सेवा जोन और एक डिजिटल सहायता जोन शामिल होगा. स्वयं सेवा जोन में ग्राहक एटीएम, एक नकद जमा मशीन (सीडीएम) और एक बहु-कार्यात्मक कियोस्क (एमएफके) का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये पासबुक की छपाई, चेक जमा करने और इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंचने जैसी सेवाएं देता है. यह एक डिजिटल इंटरेक्टिव स्क्रीन भी देगा जहां ग्राहक उत्पादों, ऑफ़र और बैंक के जरूरी नोटिस के बारे में जानने के लिए चैटबॉट से बातचीत कर सकते हैं. इस बीच, डिजिटल सहायता जोन में शाखा अधिकारी होंगे जो ग्राहकों को बचत खाता, चालू खाता, सावधि जमा और आवर्ती जमा आदि खोलने की सेवाएं देने में मदद करेंगे. इस तरह की सेवाओं को देने में पूरी तरह से डिजिटल तरीका अपनाया जाएगा. इसे टेबलेट में आधार आधारित ईकेवाईसी के जरिए इस्तेमाल में लाया जा सकेगा. एचडीएफसी बैंक के डीबीयू में इंटरएक्टिव एटीएम, कैश डिपॉजिट मशीन, इंटरएक्टिव डिजिटल वॉल, नेट बैंकिंग कियोस्क, वीडियो कॉल और टैब बैंकिंग का इस्तेमाल करके ग्राहक लेनदेन के लिए एक स्वयं सेवा जोन होगा. इसके साथ डीबीयू में दो बैंक कर्मचारियों वाला एक सहायक जोन भी होगा. कैसे डीबीयू करेंगी फिनटेक संग मुकाबला मौजूदा वक्त में नियोबैंक के तौर पर काम करने वाली फिनटेक देश में डिजिटल बैंकिंग सेवाएं देती हैं. नियो बैंक को साधारण शब्दों में ऐसे डिजिटल बैंकों के तौर पर लिया जा सकता है जो ऑनलाइन काम करते हैं. इसके लिए ये आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एनबीएफसी (NBFCs) के साथ साझेदारी के साथ मिलकर यह काम करती हैं. भारत में इस तरह की सेवाओं की पेशकश करने वाले कुछ नियो बैंक जुपिटर, फाई मनी, नियो, रेजरपे एक्स हैं. ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं वाले पारंपरिक बैंकों की तुलना में नियोबैंक या डिजिटल बैंक बेहतर डिजिटल सुविधा देने के लिए जाने जाते हैं. वर्तमान में नियो बैंक के पास एनबीएफसी या अनुसूचित बैंकों के साथ वास्तविक बैंकिंग भाग का संचालन करने के लिए जो व्यवस्था है उसकी वजह से कुछ उद्योग इन डिजिटल बैंकों डिजिटल वितरण कंपनियों का महिमामंडन करने वाली कंपनियों की तरह आंकते हैं. दरअसल इन कंपनियों ने ग्राहक तक पहुंचने, ग्राहक डेटा का इस्तेमाल करने और यह जानने के लिए कि किस तरह के लोन देने हैं, बहुत अच्छे और सहज तरीके बनाए हैं. 



Contact us for News and Advertisement at: 8154977476 / 6356624878

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)