नासिक में बस में आग लगने से 12 जिंदा जले, 38 जख्मी

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नासिक में बस में आग लगने से 12 जिंदा जले, 38 जख्मी

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महाराष्ट्र के नासिक में शनिवार सुबह एक भीषण हादसा हो गया। बस और आयशर ट्रक के बीच टक्कर से बस के अगले हिस्से में आग लग गई। देखते ही देखते 20 मिनट में बस धू-धूकर जल गई। हादसे में बस में सवार 12 लोग जिंदा जल गए। इनके अलावा, 38 यात्री जख्मी हुए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। ज्यादातर लोगों ने बस से कूदकर जान बचाई।


हादसा नासिक-औरंगाबाद रूट पर नंदूरनाका के पास हुआ। बस यवतमाल से मुंबई जा रही थी। चिंतामणि ट्रेवल्स की बस में 50 से ज्यादा लोग सवार थे। पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उधर, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने कहा है कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।हादसा शनिवार सुबह शनिवार सुबह 4:30 बजे हुआ। दुर्घटना के वक्त कोई प्रत्यक्षदर्शी मौजूद नही था, लेकिन पुलिस और फायर ब्रिगेड के अफसरों को जो साक्ष्य मिले, उससे लगता है कि ट्रक के डीजल से बस में आग लगी। दरअसल, हादसे के बाद बस और ट्रक के बीच की दूरी 50 मीटर थी। जोरदार टक्कर के बाद ट्रक के डीजल टैंक में ब्लास्ट हुआ था। इसलिए माना जा रहा है कि डीजल टैंकर के ब्लास्ट होने के बाद इससे निकला डीजल बस पर गया और बस में आग लग गई। दोनों के बीच 90 डिग्री में टक्कर हुई है। हालांकि, दुर्घटना कैसे हुई है इसको लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नही आया है।तीन यात्री,
जिन्होंने बस से कूदकर जान बचाई


1. पूजा चव्हाण: ​​​​​​पूजा अपने दो बच्चों के साथ इस बस यात्रा कर रही थीं। उन्होंने बताया, 'हम सो रहे थे तभी अचानक लोगों का शोर सुनाई दिया। बस के अगले हिस्से में आग नजर आई। इसके बाद हमने खिड़की से अपने दोनों बच्चों के साथ छलांग लगा दी। इसमें उनका हाथ झुलस गया है। हालांकि, इस कोशिश से मेरे दोनों बच्चे सेफ हैं। हमें दूसरा जीवन मिला है। अगर कुछ देर हो जाती तो हमारे साथ कुछ भी हो सकता था।'


2. अनीता सुकदेव चौधरी: 'टक्कर के बाद मैं सीट से नीचे गिर पड़ी। मेरी नीद खुली तो देखा बस के अगले हिस्से से आग की लपटें दिख रही हैं। मुझे लगा भीषण टक्कर हुई। मैंने खिड़की से कूद कर जान बचाई। 20 मिनट बाद दमकल की गाड़ी यहां पहुंची।' अनीता वाशिम जिले के लोनी की रहने वाली हैं।


3. यवतमाल के पिराजी सुभाष धोत्रे: 'मैं अपने चाचा-चाची के साथ कल्याण जा रहा था। सभी लोग सोए हुए थे। आग से चाचा जी काफी झुलस गए हैं। हालांकि, समय पर खिड़की से कूदने के कारण हम तीनों की जान बच गई।'


बस के अगले हिस्से में ज्यादा नुकसान

सबसे ज्यादा जनहानि बस के अगले हिस्से में हुई। सुबह का समय होने के कारण ज्यादातर यात्री सो रहे थे, इसलिए उन्हें भागने का मौका नही मिल सका। मरने वालों में बस का ड्राइवर और कुछ बच्चे भी शामिल हैं।


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