इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का आधिकारिक ट्विटर (Twitter) हैंडल बैन कर दिया गया है. भारत सरकार (GOI) द्वारा संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद ट्विटर ने यह कार्रवाई की है. ट्विटर ने लिखा है कि कानूनी मांग के जवाब में भारत में पीएफआई ऑफिशियल (@PFIOfficial) खाते को रोक दिया गया है.
भारत सरकार ने मंगलवार (27 सितंबर) देर रात पीएफआई को बैन करने का आदेश जारी किया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत पीएफआई को देश में प्रतिबंधित कर दिया है. सरकार ने देशभर के राज्यों से पीएफआई के खिलाफ कदम उठाने के लिए कहा था.
केरल और तमिलनाडु सरकार ने पीएफआई और उसके इन सहयोगी संगठनों पर लगाया बैन
केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए पीएफआई को केरल और तमिलनाडु की सरकार ने भी बैन कर दिया है. केरल और तमिलनाडु की सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत प्रतिबंधित किए गए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों की सूची जारी की है. जिन संगठनों के नाम सूची में बताए हैं, उनमें पीएफआई, इसके सहयोगी और संबद्ध मोर्चे- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं.
पीएफआई के खिलाफ मिले थे सबूत
22 और 27 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ कई राज्यों में छापेमारी की गई थी और इसके सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए थे या हिरासत में लिए गए थे. 22 सितंबर को एनआईए समेत कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई की थी. वहीं, 27 सितंबर को एनआईए की लीड पर देश के सात राज्यों की पुलिस ने पीएफआई से जुड़े लोगों के खिलाफ छापे मारे थे. इन छापेमारियों और पहले के कई मामलों में पीएफआई के खिलाफ ऐसे सबूत मिलने की बात कही गई थी, जिनके आधार पर बैन लगाया जा सकता है.
आखिर, मंगलवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया. गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया, ''पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के नेता हैं. जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से इसके संबंध हैं. सिमी और जेएमबी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं.''
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में आगे यह कह गया
अधिसूचना में आगे कहा गया, ''‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों के साथ पीएफआई के संबंधों के कई मामले सामने आए हैं. पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए खुफिया तरीके से काम कर रहे हैं. जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं. उक्त कारणों और पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है. आतंकवाद रोधी अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (3) में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसे गैर-कानूनी घोषित किया जाता है.’’
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