फ़ाइल तस्वीर |
माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्टने जेलर को धमकाने के जुर्म में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। बता दें कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।Mukhtar Ansari
आपको बता दें कि मामले में वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।Mukhtar Ansari जिसके अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। इसी मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार दिए गए हैं।
यह निर्णय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया। यह मामले में वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। Mukhtar Ansari इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी।जबकि यह ताज़े फैसले में कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है।
माफिया मुख़्तार अंसारी का क्राइम रेकॉर्ड...
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मुख्तार अंसारी पर राज्य में 52 मुकदमे हैं जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, धोखाधड़ी और साजिश शामिल हे,Mukhtar Ansari और भी कई अपराध उन पर लग चुके हे
अन्य दूसरे केश की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्टने क्या कहा था?.. यह भी देखे..
यह कोर्ट टिप्पणी तब की हे जब मऊ जिले के सराय लखंसी थाने में मुख्तार अंसारी व चार अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर में विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप था । स्कूल का निर्माण कार्य नहीं किया गया और पैसे का बंदरबांट कर लिया गया था।तब हुई जमानत याचिका पर कोर्ट ने फटकार लगाई थी.इस वक्त कोर्ट ने कहा था की......
" हमे ताज्जुब हे, जिस सख्स पर 50 से अधिक मामले दर्ज हे,वो एक में भी दोष सिद्ध नहीं हुआ कोर्ट ने यह भी कहा कि याची की पहचान बताने की जरूरत नहीं है। उसे भारत के हिंदी भाषी राज्यों में कथित तौर पर रॉबिन हुड की छवि के तौर जाना जाता है। वह कठोर और आदतन अपराधी है, जो 1986 से अपराध के क्षेत्र में है। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि 1986 से अपराध की दुनिया से जुड़े एक व्यक्ति जिस पर विभिन्न प्रकार के 50़ से अधिक आपराधिक मामले हैं, लेकिन उसने अपने बचाव के लिए ऐसा प्रबंध कर रखा है कि उसके खिलाफ एक भी दोष सिद्ध नहीं हुआ।"..
इलाहाबाद हाईकोर्टने इसे न्याय प्रणाली के लिए कलंक और चुनौती बताया। कहा कि अपराध के क्षेत्र में ऐसा खूंखार और सफेद रंग का अपराधी अपराजित है। कहा कि जेल में बंद रहते विधायक चुना गया। विधायक निधि से 25 लाख रुपये स्कूल के लिए दिए, जिसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ औऱ उसे भी हजम कर गया। कोर्ट ने इसे कर दाताओं के पैसे का दुरुपयोग करने वाला बताया। कहा कि ऐसे में याची जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है।