प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर पहुंचे। PM मोदी नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोडेंगे और श्योपुर में स्वयं सहायता समूहों के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। कूनो नैशनल पार्क में पीएम मोदी ने लिवर घुमाकर नामीबिया से आए आठ चीतों को छोड़ दिया। फिर कैमरा लेकर उनकी तस्वीरें उतारने लगे। आठ चीते अभी क्वारंटीन सेंटर में रहेंगे। उनके खाने के लिए चीतलों का इंतजाम किया गया है।
1947 में देश में जब आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी रात के अंधेरे में निष्ठुरता से शिकार किया गकूनो नैशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नैशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।या। ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन पुनर्वास के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ।
1947 में देश में जब आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी रात के अंधेरे में निष्ठुरता से शिकार किया गया। ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन पुनर्वास के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ।
पीएम मोदी ने कहा, 'दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। और मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं।'