डेरा चीफ राम रहीम का नया विवाद

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डेरा चीफ राम रहीम का नया विवाद

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पैरोल पर जेल से बाहर आए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के सत्संग में एक बार फिर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी। इस सत्संग में कई नेता भी राम रहीम का आशीर्वाद लेने पहुंचे। राम रहीन में उत्तर प्रदेश के बागपत से ऑनलाइन सत्संग किया। इस सत्संग में नेताओं की लाइन लग गई और हरियाणा में सियासी हंगामा मच गया। सत्संग के दौरान हरियाणा के करना जिले के पंचायती चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों ने भी आशीर्वाद लिया। तो वहीं सत्संग में भाजपा के बड़े नेता भी शामिल हुए। इनमें नगर निगम मेयर रेणु बाला गुप्ता, जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, डिप्टी मेयर नवीन कुमार व सीनियर डिप्टी मेयर राजेश ने भी गुरमीत राम रहीम के संबोधन से अपनी हाजिरी लगाई। साथ ही करनाल में आने का न्योता दिया।


भाजपा नेताओं का मर्डर और योन मामले में सजायाफ्ता राम रहीम के सामने नतमस्तक होना, चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही चुनावों में फायदा लेने के लिए राम रहीम को पैरोल देना चर्चा में है। हालांकि इस बात पर भाजपा नेताओं ने कनेक्शन ना होने के बयान दिए हैं।

सीनियर डिप्टी मेयर ने कहा कि बाबा जी का सत्संग था। उन्हें साध संगत ने सत्संग में बुलाया था। यूपी से ऑनलाइन सत्संग किया गया। बुलावे पर पहुंच कर संगत के साथ मिलना जुलना हुआ। मेरे वार्ड के काफी लोग बाबा के साथ जुड़े हुए हैं। उनका कार्यक्रम था। हम सामाजिक नाते से कार्यक्रम में पहुंचे। इसमें भारतीय जनता पार्टी और चुनाव का कोई संबंध नहीं है।


वहीं डिप्टी मेयर नवीन ने कहा कि करनाल का बड़ा सत्संग था। जिस जिस को सत्संग के बारे में सूचना मिली, वह वहां पर पहुंच गए। चुनाव में जीतने के लिए राम रहीम का आशीर्वाद लेने के सवाल पर नवीन ने कहा कि जनता ने उन्हें अपने वार्ड से चुना है। जनता ही इस चीज का फैसला करती है। जनता का आशीर्वाद होना जरूरी है। पैरोल का चुनाव से कनेक्शन होने के सवाल डिप्टी मेयर ने कहा कि कोई भी इंसान अपनी खुशी से पैरोल की मांग कर सकता है। उस पर हमारे जेल मंत्री और न्यालय को पैरोल देने का अधिकार है। जेल मंत्री ने इस मामले में प्रक्रिया देते हुए कहा कि पैरोल पर कोई बाहर आता है, अगर वो अच्छा स्विमर है तो स्विमिंग करेगा, गोल्फ का प्लेयर है तो गोल्फ खेलेगा। उसके जीवन को तो हम चेक नहीं कर सकते। जहां तक हमारे जेल मंत्रालय का काम है हमारा काम है जेल में उसकी निगरानी रखना, उसकी सेहत का ख्याल रखना, उसके खाने-पीने का इंतजाम रखना, उसकी सुरक्षा करना। जेल की चारदीवारी से बाहर हमारी कोई ड्यूटी नहीं बनती है। परोल कॉम्पिटेंट अथॉरिटी देती है और ऑर्डर सेशन जज के आते हैं। हमारा काम केवल उसकी रखवाली करना है। अगर कोई बाहर गया तो आगे अथॉरिटी का काम है, उसे लेकर जाएगी और जब वापस आएगा तो अंदर हमारा विभाग संभाल लेगा।


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