कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहते हैं। इसे नरक चौदस, रूप चतुर्दशी और छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह पर्व दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस बार 23 अक्टूबर दिन रविवार को है। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है और यम नाम का दक्षिण दिशा में एक दीपक भी जलाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का अंत किया था। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए हैं, इन उपायों के करने से जीवन में ना सिर्फ धन समृद्धि आती है बल्कि भय के साथ पाप व दुखों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...इस दिशा में करें पूजा
छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और इसलिए इस दिन को यम के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घर में हर जगह दीपक जलाएं। इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके खड़े हो जाएं और प्रार्थना करें। ऐसा करने से भय से मुक्ति मिलती है और पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इनकी करें सेवा
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर मोक्ष दिलाया था, इसलिए भी इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही गायों की सेवा करें और उनके घर के बाहर बुलाकर हरा चारा खिलाएं और आशीर्वाद लें। ऐसा करने से धन व समृद्धि की प्राप्ति होती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घर से दूर रहेंगी नकारात्मक शक्तियां
नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि एक बड़ा सा दीपक जलाएं और उसको पूरे घर में घूमाकर, घर से कहीं दूर ले जाकर रख दें। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
घर में बनी रहेगी सुख-शांति
छोटी दिवाली के दिन कुल देवी-देवताओं की पूजा-पाठ करनी चाहिए और उनके साथ पितरों के नाम का भी दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दीपक की रोशनी पितरों तक पहुंचती है और वे इससे प्रसन्न होते हैं। पितरों के प्रसन्न होने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।यहां पर जरूर रखें दीपक
छोटी दिवाली के दिन सभी देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद सायंकाल के समय घर के मेन गेट के दोनों ओर तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से लक्ष्मी का घर में निवास होता है। साथ ही इस दिन माता काली की भी पूजा करनी चाहिए। बंगाल में नरक चतुर्दशी का दिन काली के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को वहां पर काली चौदस के नाम से जानते हैं।