सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने पिछले साल ही दिसंबर में कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) का उत्पादन बंद कर दिया था. एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अब बूस्टर डोज की मांग बंद हो गई है. लोग अब कोरोना से तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि सच कहा जाए तो वह भी इससे तंग आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि कंपनी ने पिछले साल प्रोडक्शन बंद कर दिया था क्योंकि उस वक्त स्टॉक में मौजूद लगभग 100 मिलियन खुराक को फेंकना पड़ा था.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक और सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि दिसंबर 2021 से हमने कोविशील्ड का उत्पादन बंद कर दिया है. बूस्टर डोज की कोई मांग नहीं है क्योंकि लोग अब कोविड से तंग आ चुके हैं. विकासशील देशों के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स नेटवर्क (DCVMN) की वार्षिक आम बैठक के मौके पर उन्होंने यह जानकारी दी.
कोवोवैक्स को लेकर पूनावाला ने कहा कि इसे दो सप्ताह में अनुमति दी जानी चाहिए. आगे जाकर, जब लोग हर साल फ्लू की गोली लेंगे, तो वे इसके साथ एक कोविड का टीका भी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में फ्लू शॉट नहीं लिया जाता है, जैसे विदेशों में लिया जाता है.
वहीं, ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने के लिए एसआईआई के प्रयासों पर पूनावाला ने कहा कि कंपनी इसे लेकर यूएस 'नोवावैक्स के साथ साझेदारी कर रहे हैं. यह एक द्विसंयोजक (Bivalent) टीका होने जा रहा है. हमारी कोवोवैक्स वैक्सीन, जिसकी प्रभावशीलता के लिए एक के रूप में परीक्षण किया गया है. बूस्टर शॉट को अगले 10-15 दिनों में मंजूरी मिलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि SII अमेरिकी फर्म Codagenix के साथ एकल-खुराक इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन बना रहा है.
'कोरोना से लड़ने के लिए रणनीति बनाना जरूरी'
वहीं, डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि XBB, Omicron के उप-प्रकारों के कारण एक और लहर का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, अभी तक किसी भी देश से कोई डेटा नहीं है जो नए उप-प्रकारों को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह वेरिएंट गंभीरता पैदा कर सकते हैं. इसलिए पहले से ही कोरोना से लड़ने के लिए रणनीति बनाना जरूरा है.